षष्टिसम्वत्सर नाम। अग्निपुराण अध्याय १३९ से। शोधनीय। युवा अथवा पूर्ण। सुभानु अथवा स्वर्भानु। दुर्मुख के पूर्व दुष्कर होना चाहिए। शुभकृत् तथा शोभकृत् दो के स्थान पर एक ही शोभन होना चाहिए। आनल अथवा आनन। कालयुक्त अथवा काल। क्रोधी से आनन्द तक ग्यारह नाम अनुपलब्ध। 
